8 Best Girl Child Government Schemes in India | बालिका सशक्तिकरण

Girl Child Government Schemes |भारत में बालिका सशक्तिकरण योजनाएं

भारत सरकार ने बालिकाओं (Girl Child) के अधिकारों की रक्षा और उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएँ शुरू की हैं। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाना है। इस लेख में हम भारत में बालिकाओं के लिए कार्यरत शीर्ष 10 सरकारी योजनाओं पर चर्चा करेंगे।

1. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ

भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ एक अभियान है जिसका उद्देश्य देश में घटती हुई बालिका (Girl Child) लिंगानुपात को सुधारना और बालिकाओं के जीवन को बेहतर बनाना है। यह अभियान न केवल बालिकाओं (Girl Child) के जन्म को प्रोत्साहित करता है बल्कि उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और समग्र विकास पर भी जोर देता है।

इस अभियान के प्रमुख उद्देश्य हैं:

  • लिंगानुपात में सुधार: देश में लड़कियों और लड़कों के जन्म के अनुपात को संतुलित करना।
  • बालिकाओं की शिक्षा: बालिकाओं को शिक्षा के अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उन्हें शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • बाल विवाह का उन्मूलन: बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों को खत्म करना।
  • लड़कियों के स्वास्थ्य की देखभाल: बालिकाओं के स्वास्थ्य की देखभाल सुनिश्चित करना।
  • लड़कियों के प्रति समाज का नजरिया बदलना: लड़कियों के प्रति समाज में सकारात्मक बदलाव लाना।

2. सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)

सुकन्या समृद्धि योजना भारत सरकार की एक विशेष बचत योजना है जिसे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत शुरू किया गया था। यह योजना लड़कियों (Girl Child) के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए बनाई गई है।

इस योजना की मुख्य विशेषताएं हैं:

  • उद्देश्य: लड़कियों (Girl Child) की उच्च शिक्षा या विवाह के लिए धन जुटाना।
  • खाता: माता-पिता या कानूनी अभिभावक 10 साल से कम उम्र की लड़की के नाम पर खाता खोल सकते हैं।
  • निवेश: खाते में न्यूनतम जमा राशि और अधिकतम सीमा निर्धारित होती है।
  • ब्याज दर: सरकार द्वारा समय-समय पर ब्याज दरों की घोषणा की जाती है।
  • परिपक्वता: खाता 21 साल की उम्र पर परिपक्व हो जाता है।

Girl Child

3. बालिका समृद्धि योजना (BSY)

बालिका समृद्धि योजना का उद्देश्य बालिकाओं (Girl Child) के जन्म के समय उनके नाम पर एक निश्चित राशि जमा करना और 18 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर यह राशि प्रदान करना है। यह राशि उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायक होती है। इस योजना के तहत, जन्म के बाद बच्ची को 500 रुपये की अनुदान राशि दी जाती है. इसके अलावा, 15 अगस्त, 1997 या उसके बाद जन्मी और इस योजना के तहत पंजीकृत लड़कियों (Girl Child) को हर साल छात्रवृत्ति दी जाती है.

छात्रवृत्ति की राशि इस प्रकार है:

  • कक्षा 1 से 3 के लिए हर साल 300 रुपये
  • कक्षा 4 के लिए 500 रुपये
  • कक्षा 5 के लिए 600 रुपये
  • कक्षा 6 से 7 के लिए हर साल 700 रुपये
  • कक्षा 8 के लिए 800 रुपये
  • कक्षा 9 से 10 के लिए 1,000 रुपये 

4. राष्ट्रीय बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना

राष्ट्रीय बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य देश में लड़कियों (Girl Child) की शिक्षा को बढ़ावा देना है। इस योजना के माध्यम से, सरकार लड़कियों (Girl Child) को स्कूल में दाखिला लेने और अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करती है। इस योजना के तहत, पात्र लड़कियों को छात्रवृत्ति, पुस्तकें, और अन्य आवश्यक सामग्री प्रदान की जाती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य लिंग असमानता को कम करना और लड़कियों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाना है। यह योजना विशेष रूप से उन क्षेत्रों में लागू की जाती है जहां लड़कियों (Girl Child) की साक्षरता दर कम है।

इस योजना के प्रमुख लाभ हैं:

  • लड़कियों की शिक्षा में सुधार
  • लिंग असमानता को कम करना
  • बाल विवाह को रोकना
  • लड़कियों के आत्मविश्वास में वृद्धि

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5. बाल विवाह निषेध अधिनियम

बाल विवाह निषेध अधिनियम भारत में एक महत्वपूर्ण कानून है जिसका उद्देश्य बाल विवाह को पूरी तरह से खत्म करना है। इस अधिनियम के अनुसार, 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह अवैध है। बाल विवाह न केवल लड़की (Girl Child) के स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए हानिकारक होता है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक बड़ी समस्या है। यह अधिनियम बाल विवाह को रोकने के लिए कई कदम उठाता है, जैसे कि बाल विवाह को अपराध घोषित करना, बाल विवाह में शामिल व्यक्तियों को सजा देना, और बाल विवाह (Child Marriage) के खिलाफ जागरूकता फैलाना।

इस अधिनियम के प्रमुख उद्देश्य हैं:

  • बाल विवाह को रोकना
  • लड़कियों (Girl Child) के अधिकारों की रक्षा करना
  • लड़कियों (Girl Child) की शिक्षा को बढ़ावा देना
  • समाज में लैंगिक समानता लाना

6. राष्ट्रीय पोषण मिशन

राष्ट्रीय पोषण मिशन भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में कुपोषण को खत्म करना है। इस मिशन के माध्यम से, सरकार गर्भवती महिलाओं, किशोरियों और 0 से 6 साल के बच्चों में कुपोषण को कम करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाती है। इस मिशन के तहत, आंगनवाड़ी केंद्रों को मजबूत किया जा रहा है, और गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पोषणयुक्त आहार प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा, इस मिशन के तहत जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं ताकि लोगों को पोषण के महत्व के बारे में बताया जा सके।

इस मिशन के प्रमुख उद्देश्य हैं:

  • कुपोषण को कम करना
  • गर्भवती महिलाओं और बच्चों का स्वास्थ्य सुधारना
  • बच्चों के विकास को बढ़ावा देना
  • पोषण के बारे में जागरूकता फैलाना

इस मिशन के तहत मिलने वाले लाभ:

  • गर्भवती महिलाओं को पोषणयुक्त आहार
  • बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषणयुक्त भोजन
  • स्वास्थ्य जांच
  • पोषण परामर्श

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7. प्रधानमंत्री जन धन योजना

प्रधानमंत्री जन धन योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य देश के सभी परिवारों को बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत, प्रत्येक परिवार को कम से कम एक बैंक खाता खोलने का मौका दिया जाता है।इस योजना के माध्यम से सरकार वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना चाहती है। यह योजना गरीबों और वंचित वर्गों को बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच प्रदान करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है।

इस योजना के प्रमुख लाभ हैं:

  • बैंक खाता: प्रत्येक परिवार को एक बैंक खाता खोलने का मौका।
  • रुपे कार्ड: बैंक खाते के साथ एक रुपे डेबिट कार्ड दिया जाता है।
  • बीमा कवरेज: दुर्घटना बीमा और जीवन बीमा की सुविधा।
  • ओवरड्राफ्ट सुविधा: कुछ शर्तों के साथ ओवरड्राफ्ट की सुविधा।

8. राष्ट्रीय बाल श्रम योजना

राष्ट्रीय बाल श्रम योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य देश में बाल श्रम को खत्म करना है। इस योजना के तहत, बाल श्रमिकों की पहचान की जाती है और उन्हें खतरनाक कामों से हटाकर शिक्षा और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान किए जाते हैं। इस योजना के माध्यम से, सरकार बाल श्रमिकों को मुख्यधारा में लाने और उन्हें एक बेहतर भविष्य देने का प्रयास करती है। इसके अलावा, इस योजना के तहत बाल श्रम के कारणों को दूर करने के लिए भी कई उपाय किए जाते हैं, जैसे कि गरीबी उन्मूलन और शिक्षा का प्रसार।

इस योजना के प्रमुख उद्देश्य हैं:

  • बाल श्रम को खत्म करना
  • बाल श्रमिकों को शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना
  • बाल श्रमिकों के परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना
  • समाज में बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता फैलाना

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग भारत में बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों के हितों की रक्षा करना, उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकना है। यह आयोग बच्चों से जुड़े सभी मामलों में सरकार को सलाह देता है। इसके अलावा, यह बच्चों के खिलाफ होने वाले शोषण, दुर्व्यवहार और अन्य अपराधों की शिकायतों की जांच भी करता है। यदि आप किसी बच्चे के अधिकारों का हनन होते हुए देखते हैं, तो आप इस आयोग से संपर्क कर सकते हैं।

इस आयोग के प्रमुख कार्य हैं:

  • बच्चों के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना
  • बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों की शिकायतों की जांच करना
  • बच्चों के हित में कानून बनाने में सरकार को सलाह देना
  • बच्चों के लिए नीतियां बनाने में मदद करना

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निष्कर्ष (Conclusion)

ये सरकारी योजनाएँ भारत में बालिकाओं (Girl Child) के कल्याण और विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान करती हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य बालिकाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, और सशक्तीकरण के अवसर प्रदान करना है, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल हो सके। भारत सरकार की इन पहलों के माध्यम से, बालिकाओं के अधिकारों की रक्षा और उनके समग्र विकास को सुनिश्चित किया जा रहा है। अधिक जानकारी और संसाधनों के लिए आप निम्नलिखित लिंक पर जा सकते है।

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